The President Droupadi Murmu gives assent to Bill for appointment of CEC, ECs | राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए विधेयक को मंजूरी दी।

The President Droupadi Murmu gives assent to Bill for appointment of CEC, ECs | राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए विधेयक को मंजूरी दी।

29 दिसंबर को जारी एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने एक विधेयक को अपनी सहमति दे दी है जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है।

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (नियुक्ति सेवा के शर्तें और कार्यालय की अवधि ) विधेयक 2023, में कानून मंत्री की अध्यक्षता में एक खोज समिति गठन करने का प्रावधान है, और दो अन्य व्यक्ति जो सचिव के पद से नीचे नहीं होंगे ताकि एक पैनल तैयार करके मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति तैयार किया जा सके।

उक्त विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाला विधेयक जो 1995 के अधिनियम को निरस्त करता है। और के इलेक्शन कमिश्नर और अन्य इलेक्शन commissioners के लिए नियुक्ति प्रक्रिया और सेवाओं की शर्तों का प्रावधान करता है, नया विधेयक राज्य सभा से दिनांक 12//12/2023 को और लोकसभा से दिनांक 21 दिसंबर को पारित किया गया है, जिसको को अब राष्ट्रपति की सहमति भी मिल गई है।

https://egazette.gov.in/(S(5srartfnefauwahkm3whnfmo))/ViewPDF.aspx

विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में चुनाव आयोग चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और उनके कामों का संचालन अधिनियम 1991 का प्रतिस्थापन शामिल है। नए कानून में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वेतन और निष्कासन जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश के आधार पर मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेंगे जिसमें प्रधानमंत्री एक कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होंगे।

उक्त समिति की सिफारिशें पूर्ण समिति के अभाव में भी मान्य रहेंगी , कानून मंत्री के अध्यक्षता वाली एक खोज समिति , चयन समिति को नामों का एक पैनल प्रस्तावित करेगी, जिसमें पात्रता मानदंड के साथ उम्मीदवारों को केंद्र सरकार के सचिव के समकक्ष पद पर होना आवश्यक होगा चीफ इलेक्शन कमिश्नर और अन्य इलेक्शन कमिश्नरों के लिए वेतन और सेवा की शर्तें कैबिनेट सचिव के बराबर निर्धारित की गईं , जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के वेतन के साथ पिछले समक्ष से हटकर थी।

विशेष रूप से नए विधेयक ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटा दिया गया है। संदर्भ के लिए इस साल मार्च में , सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने फैसला सुनाया कि चुनाव आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री विपक्ष के नेता और अन्य मुख्य न्यायाधीश की एक समिति द्वारा किया जाएगा जब तक की संसद एक नया कानून नहीं बना लेती चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए ।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 में कहा गया है, की चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित संख्या में अन्य चुनाव आयुक्त शामिल होंगे।

भारत के चुनाव आयोग को मतदाता सूची के संकलन की देखरेख और संसद राज्य विधान मंडलों के साथ-साथ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यालयों के लिए चुनाव आयोजित करने का काम करता है , संविधान के अनुसार के इलेक्शन कमिश्नर और अन्य इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति संसद के एक अधिनियम में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।

वर्ष 1991 में, संसद द्वारा चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और काम का संचालन ) अधिनियम लागू किया गया था। इस कानून ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों का पारिश्रमिक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर स्तर पर स्थापित किया था हालांकि अधिनियम में उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया को संबोधित नहीं किया गया, इस मामले को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित करने के लिए छोड़ दिया गया है।

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