The Bharatiya Nyaya Sanhita Bill 2023 Brought in Several Changes to the indian penal code | भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 के द्वारा भारतीय दण्ड संहिता में कई बदलाव लाए गए है ।

The Bharatiya Nyaya Sanhita Bill 2023 Brought in Several Changes to the indian penal code | भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 के द्वारा भारतीय दण्ड संहिता में कई बदलाव लाए गए है ।

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भारतीय न्याय संहिता 2023 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है ।

शादी का वादा Promiss to marry : अगर कोई व्यक्ति अब किसी महिला से अपनी पहचान छुपाकर शादी करने अथवा नौकरी में पदोन्नति या रोजगार देने का झूठा वादा करके जैसे लालच देकर संभोग करता है तो अब इस नए कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है , इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली सामाजिक समस्याओं का समाधान किया है । पहले सजा का कोई ऐसा प्रावधान नहीं था लेकिन इस नए कानून में पहली बार, शादी , रोजगार , पदोन्नति और झूठी पहचान के झूठे वादे के तहत महिलाओं के साथ संभोग करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

मॉब लांचिंग Mob lynching : अब भारत में यदि पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी प्रकार की नस्लीय, जाती, समुदाय या व्यक्तिगत विश्वास जैसे कारकों के आधार पर किसी व्यक्ति की हत्या की जाती है तब इस अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता 2023 में आजीवन कारावास से लेकर मृत्यु दण्ड तक की सजा का प्रावधान है। भारतीय न्याय संहिता 2023 में मॉब लिंचिंग, घृणा – अपराध हत्याओं से जुड़े अपराधों को संहिताबद्ध किया गया है।

संगठित अपराध Organised crime : संगठित अपराध से निपटने के लिए के लिए इसको अपराधिक कानून के दायरे में लाया गया है । भारतीय न्याय संहिता 2023 में संगठित अपराध करने का प्रयास और संगठित अपराध करने की सजा एक समान है। हालांकि इस आधार पर भेद किया जाता गया है कि कथित अपराध के कारण मृत्यु हुई है या नहीं। यदि मृत्यु हो जाती है , तो सजा आजीवन कारावास से लेकर मृत्यु तक होती है । मृत्यु न होने की स्थिति में , न्यूनतम पांच वर्ष की अनिवार्य सजा निर्धारित गई है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। छोटे संगठित अपराध जैसे : चोरी , स्नैचिंग, धोखाधड़ी, टिकटों की अनाधिकृत बिक्री , अनाधिकृत सट्टेबाजी या जुआ, सार्वजनिक परीक्षा में प्रश्न पत्रों को लीक कर देना या बेच देना संगठित अपराध के दायरे में आते है।

आतंकवाद Terrorism : भारतीय न्याय संहिता 2023 में आतंकवाद को सामान्य आपराधिक कानून के दायरे में भी लाया गया है । हालांकि आतंकवाद से निपटने के लिए यू ए पी ए नाम का एक कानून पहले से ही प्रभावी है जो की काफी सख्त कानून है और उसकी सुनवाई विशेष अदालतों में होती है । हालांकि भारतीय न्याय संहिता 2023 में स्पष्ट नहीं किया गया है कि यू ए पी ए और भारतीय न्याय संहिता 2023 एक साथ कैसे काम करेंगे।

आत्महत्या का प्रयास करना Attempt to suicide : भारतीय न्याय संहिता 2023 में किसी भी लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन करने के लिए मजबूर करने या रोकने के इरादे से आत्महत्या करने का प्रयास करने वाले को अपराध माना गया है । ऐसा करना के लिए जेल की सजा का प्रावधान है, जिसे सामुदायिक सेवा के साथ बढ़ाया जा सकता है।

 

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